
चमोली, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखण्ड के चमोली में माणा के पास हिमस्खलन की चपेट में आए 03 और श्रमिकों के शव आज खोज एवं बचाव दलों ने बरामद कर लिए हैं। इससे पहले 04 श्रमिकों के शव मिल चुके थे।
अब तक कुल 07 शव बरामद हो चुके हैं। वहीं, देहरादून निवासी एक व्यक्ति अभी भी लापता है, जिनकी तलाश जारी है।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि लापता श्रमिक को ढूंढने के लिए बचाव दल युद्धस्तर पर कार्य कर रहे हैं। ज्योतिर्मठ में मृतक श्रमिकों के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया चल रही है और प्रशासन उनके शवों को घर पहुंचाने की व्यवस्था कर रहा है।
माणा हादसे में सुरक्षित बचाए गए 44 श्रमिकों को ज्योतिर्मठ के सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सभी की स्थिति सामान्य है और उनकी देखभाल की जा रही है। वहीं, गंभीर रूप से घायल दो श्रमिकों का एम्स ऋषिकेश में इलाज चल रहा है, जहां उनकी हालत में सुधार है।
हादसे में अब तक 07 श्रमिक मृतक पाए गए और एक लापता है। प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में पूरी तत्परता से जुटा हुआ है। सुरक्षित बचे श्रमिकों को हर संभव चिकित्सा सुविधा दी जा रही है। मृतकों के शवों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की जारी है।
माणा, जिला चमोली में हिमस्खलन की चपेट में आए 44 श्रमिकों का ज्योतिर्मठ स्थित सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 2 को ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया है। 44 श्रमिकों में सभी खतरे से बाहर हैं।
उपचार ले रहे श्रमिकों में पिथौरागढ़ के रहने वाले गणेश कुमार ने बताया कि मुझे तो बचने की उम्मीद ही नहीं थी, लेकिन सरकार के रेस्क्यू अभियान के कारण आज मैं बिल्कुल सुरक्षित हूं।
इसी क्रम में उत्तरकाशी के रहने वाले मनोज भंडारी ने रेस्क्यू अभियान की प्रशंसा की। भारतीय सेना और प्रशासन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इतने मुश्किल समय में सरकार ने हमारी बहुत मदद की।
सेना अस्पताल में ही उपचार करवा रहे मुरादाबाद के विजयपाल ने बताया कि 28 फरवरी को जब ग्लेशियर हमारे कंटेनर पर गिरा तो हम घबरा गए, लेकिन आर्मी कैंप में हमें सेना ने रात भर सुरक्षित रखा और अगले दिन रेस्क्यू अभियान में हमें सेना के अस्पताल ज्योतिर्मठ में सुरक्षित लाया गया।
इस प्रकार घटना के बाद चलाए गए रेस्क्यू अभियान की घायलों ने सराहना की। सेना के अस्पताल में भर्ती श्रमवीरों ने कहा कि भारतीय सेना, आई. टी.बी.पी, वायुसेना, एन.डी.आर. एफ, एस.डी.आर.एफ और जिला प्रशासन की ओर से तेजी से चलाए गए रेस्क्यू अभियान के कारण ही वे सुरक्षित हैं।
उन्होंने रेस्क्यू अभियान को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित रेस्क्यू में जुटी पूरी टीम का धन्यवाद व्यक्त किया।


