संजय पाठक, प्रेस15 न्यूज, हल्द्वानी। बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व होली हल्द्वानी समेत कुमाऊं क्षेत्र में 26 मार्च दिन मंगलवार को मनाई जाएगी। कुमाऊं में छलड़ी के नाम से प्रसिद्ध होली पर्व प्रतिपदा उदय व्यापनी तिथि में मनाने का विधान है। यही वजह है कि सनातन धर्म के विद्वानों ने इस बार प्रतिपदा उदया तिथि 26 मार्च को होने की वजह से रंगभरी होली इसी दिन खेलने का निर्णय लिया गया है।
इतना ही नहीं 25 मार्च को चंद्र ग्रहण है। हालाकि यह भारत में नहीं दिखाई देगा, ऐसे में इसका कोई सूतक भी नहीं लगेगा। खुशियों के इस पर्व से जुड़ी यूं तो कई धार्मिक कहानियां और मान्यताएं हैं लेकिन सबका एक ही सार है कि हमें खुद के भीतर मौजूद बुराइयों को इस पर्व में दूर करना है। एक दूसरे को रंग लगाने के साथ साथ सबके लिए मंगलकामना तो करनी ही हैं, साथ ही खुद से हर पल खुश रखने और बुराइयों से दूर रहने का वादा भी करना है।
उत्तराखंड की जानी मानी ज्योतिषाचार्य डॉ. मंजू जोशी ने भी होली पर्व से जुड़ी जानकारी साझा की है। डॉ. मंजू जोशी के अनुसार, हमें होली पर्व पर ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, आइए जानते हैं-
1–आप सभी जातकों ने ध्यान दिया होगा कि होली पर्व पर सभी महिलाओं और पुरुषों के सर पर टोपी होती है हिंदू धर्म व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमें प्रयास करना चाहिए कि अपने सिर को ढ़क कर रखें क्योंकि होली के दिन बुरी शक्तियां सिर पर से ही शरीर में प्रवेश करती हैं।
2–होली के दिन भोजन ग्रहण करते समय आपका मुख दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए।
3–शास्त्रों के अनुसार होली के दिन किसी भी प्रकार का कोई भी शुभ कार्य वर्जित माना गया है।
4–होली के दिन देर तक न सोएं ना ही शाम के वक्त सोएं। इस दिन केवल सुबह और शाम को बीमार, वृद्ध और गर्भवती महिलाओं को ही परिस्थिति वश शयन करना चाहिए।
5– होली के दिन हमें प्रयास करना चाहिए अकारण ही किसी भी शमशान या सुनसान जगह पर बिल्कुल भी न जाएं क्योंकि होली के दिन तंत्र क्रियाएं अधिक प्रभावशाली होती है। जिसका असर आप पर भी हो सकता है।
6–होली के दिन सात्विक भोजन ग्रहण करें।
7–होली पर सफेद रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। सफेद रंग चंद्रमा का का कारक हैं। सफेद रंग के वस्त्र आपके व्यवहार में विनम्रता,प्रेम और सहनशीलता प्रदान करते है। होली खेलने के लिए गहरे काले रंग के वस्त्रों का उपयोग न करें क्योंकि काला रंग नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित (संचित) करता है। होली पर नकारात्मक ऊर्जा का संचार अधिक होता है।