हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। देवभूमि ट्रांसपोर्ट महासंघ एवं पंच केदार लोडर मालिक वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वाधान में श्रीनगर में हुई 6 सूत्रीय मांगों को लेकर बीते दिनों बैठक हुई थी।
उत्तराखंड देवभूमि ट्रांसपोर्ट महासंघ के अध्यक्ष राकेश जोशी ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया है कि सरकार की उदासीनता को देखते हुए समस्त उत्तराखंड के ट्रांसपोर्टरों के द्वारा 10 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की गई।
ऐसे में अगर सरकार की ओर से मध्यस्थता नहीं हुई और हड़ताल आगे बढ़ी तो कहीं न कहीं आम आदमी की मुश्किलें बढ़ना भी तय हैं।
उत्तराखंड देवभूमि ट्रांसपोर्ट महासंघ के अध्यक्ष राकेश जोशी ने कहा है कि सरकार की ओर से मागों को अनसुना करने के कारण समस्त प्रदेश के पदाधिकारीगण ऑल उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट यूनियन के बैनर तले अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठने को विवश हुए हैं जिसको लेकर आज देवभूमि ट्रांसपोर्ट महासंघ द्वारा कुमाऊं कमिश्नर और मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत को भी ज्ञापन देखकर अवगत कराया गया।
इसके साथ ही जिला मजिस्ट्रेट नैनीताल को ईमेल के द्वारा अवगत करा दिया गया है। इसके साथ ही केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी ईमेल द्वारा सूचना दे दी गई है।
ज्ञापन देने वालों में भास्कर जोशी, ललित पाठक, हरीश जोशी, विक्रम बिष्ट, गिरीश मेलकानी, भगवान सिंह मेहरा , जगमोहन उप्रेती, हरीश मेहता, मोहन महतोलिया, राजेश नेवलिया मौजूद थे।
ये हैं ट्रांसपोर्टर्स की छह मांगें:
सम्पूर्ण उत्तराखण्ड राज्य में सरकार द्वारा अंडरलोड लागू हो।
सम्पूर्ण उत्तराखण्ड राज्य में हिमांचल प्रदेश की तर्ज पर 25 प्रतिशत जीबीडब्लू बढ़ाया जाए।
चेकिंग का अधिकार सिर्फ परिवहन विभाग को होना चाहिए।
समस्त खनिज पदार्थ (रेता, बजरी, पत्थर, खड़िया) का रवन्ना और रॉयल्टी गाड़ी की जीबीडब्लू क्षमता के अनुसार जारी किया जाए।
सम्पूर्ण उत्तराखण्ड राज्य में पुलिस उत्पीड़न बन्द हो।
सम्पूर्ण उत्तराखण्ड राज्य के सभी मुख्य द्वारों पर जैसे- टनकपुर, रामनगर, रानीबाग हल्द्वानी, उत्तरकाशी, भद्रकाली, तपोवन, कोटद्वार, विकासनगर आदि पर सरकारी ऑटोमेटेड कांटों की व्यवस्था सरकार द्वारा किया जाये ताकि ओवरलोडिंग पूर्ण रूप से बन्द होगा और जिससे आए दिन होने वाले सड़क दुर्घटनाओं और सरकारी सम्पत्ति के नुकसान को रोका जा सकेगा।