हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के संग 8-9 अगस्त की रात को हुए रेप और मर्डर की रूह कंपा देने वाली घटना सामने आने के बाद देशभर में गुस्सा है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 24 घंटे के लिए अस्पतालों में बंदी का आह्वान किया है। एक्शन कमेटी के चेयरमैन डॉ. विनय अग्रवाल ने सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
देशभर में डॉक्टर लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी क्रम में आज हल्द्वानी के सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। विरोध स्वरूप शहर में डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ ने रैली भी निकाली।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वाहन पर यह हड़ताल 24 घंटे तक यानी रविवार सुबह छह बजे तक चलेगी। हड़ताल के चलते सामान्य मरीजों की परेशानी भी बढ़ी है। हालांकि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि सिर्फ ओपीडी बंद रहेगी, इमरजेंसी सेवाएं चलती रहेंगी।
हड़ताल के चलते हल्द्वानी में भी सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल के रूटीन ओपीडी , रूटीन सर्जरी, इन्वेस्टिगेशन डायग्नोस्टिक रूटीन की सेवाएं बंद रहीं। जनता को कोई भी समस्या न हो इसके लिए उन्हें इमरजेंसी सेवाएं मिलती रहेंगी।
हड़ताल के दौरान गंभीर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना जारी है। डॉक्टर उन्हें इमरजेंसी वार्ड में सेवाएं दे रहे हैं। साथ ही जो मरीज अस्पताल में पहले से भर्ती हैं, उनका भी इलाज जारी रहेगा।
बड़ा सवाल यही है कि आखिर महिलाओं के खिलाफ अपराध कब थमेंगे। साल 2012 में दिल्ली में निर्भया के साथ हुई दरिंदगी के बाद भी हालात नहीं सुधरे।
दो साल पहले ही उत्तराखंड में भी पौड़ी की बेटी अंकिता भंडारी के साथ दरिंदगी के बाद हत्या हुई। आज दिन तक अंकिता के बूढ़े माता पिता न्याय की आस लगाए बैठे हैं। साफ है जब तक महिला अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम नहीं होगा तब तक महिलाओं के खिलाफ अपराध नहीं रुकेंगे।
देश मांग कर रहा है कि महिला अपराध के हर दोषी को सात दिन के भीतर फांसी की सजा हो। आरोपी भले कितने रसूख वाला हो, किसी भी राजनीतिक पार्टी का सगा हो, उसे सात दिन के भीतर फांसी की सजा से कम न मिले।