नैनीताल में गजब हाल: 100 साल पुरानी जर्जर बिल्डिंग का दमघोटू कमरा, 03 बच्चों के लिए 02 शिक्षक तैनात

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नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड में बदहाल सरकारी शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती यह खबर वीवीआईपी जिले नैनीताल की है जहां एक सरकारी स्कूल ऐसा है जहां वर्षों से नौनिहालों का भविष्य ही नहीं जिंदगी भी दांव पर लगी है।

इस स्कूल की हालत का अंदाजा इस बात से लगाइए कि जर्जर बिल्डिंग में चल रहे स्कूल में अभिभावक अपने बच्चों को भेजने से कतराते हैं।

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नैनीताल में एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय ऐसा है जहां केवल तीन छात्र है और उनके लिए दो शिक्षक तैनात हैं।

नैनीताल के कृष्णापुर से वीरभट्टी पैदल मार्ग में एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय स्थापित है। इस विद्यालय में एक से पांच तक कक्षाएं चलती हैं, लेकिन यहां केवल तीन बच्चे ही पढ़ रहे हैं।

हैरानी की बात ये हैं कि इन तीन छात्र छात्राओं को पढ़ाने के लिए भारी भारी तनख्वाह वाले दो अध्यापक तैनात हैं। स्कूल में कोई सुविधा नहीं है, जिसके कारण यहां अपने बच्चो को भेजने में परिजन कतराते हैं।

100 साल से अधिक वर्षों पुरानी इस बिल्डिंग की स्थिति जर्जर हो गई है। बताया जाता है कि जब नैनीताल नगर पालिका स्वरूप में आई थी तब इस स्थल पर नगर पालिका की चुंगी बनाई गई थी। इसके अलावा, बारह पत्थर, चीन चुंगी, पाइंस, पिटरिया और बिड़ला चुंगी में भी गाय, बैल, बकरी, खच्चर, घोड़े वाले व्यवसायियों से प्रवेश शुल्क वसूला जाता था।

दुर्गापुर क्षेत्र के पूर्व सभासद धरनीधर भट्ट (डी.एन.भट्ट) का कहना है कि इस स्कूल को यहां से हटाकर दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाए, ताकि ये स्कूल बचा रहे। इस स्कूल में पढ़ने के लिए आए बच्चों की जगह कम होने से उन्हें पढ़ने में परेशानी हो रही है।

(नैनीताल से वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट ✍️ )

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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