फर्जी स्थाई निवास के बाद हल्द्वानी में सामने आया एक और बड़ा फर्जीवाड़ा, 2007 से चल रहा था

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। हल्द्वानी न हुआ फर्जीवाड़ा करने वालों का गढ़ बन गया। आज इस शहर की यही पहचान बन गई है। यहां हर साख पर वो उल्लू बैठा है जिसने कसम खाई है कि चाहे जो मर्जी कर लो हम तो भ्रष्टाचार की हदें पार करके ही रहेंगे।

भ्रष्टाचार ही क्यों अब तो बात उत्तराखंड के सामाजिक तानेबाने से जुड़ गई है। यहां बाहरी प्रदेशों के लोगों को घुसपैठ कराने का गिरोह सुनियोजित तरीके से काम कर रहा है जिसमें सरकारी विभागों के जिम्मेदार उनके माई बाप बने हुए हैं।

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स्थाई निवास प्रमाण पत्रों में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में हलचल बढ़ी। जिसके बाद सरकारी मशीनरी भी एक्टिव हुई और अब तक 48 ऐसे लोग मिले हैं जिन्होंने फर्जी तरीके से उत्तराखंड का स्थाई निवास प्रमाण पत्र हासिल किया। जांच जारी है , ऐसे में यह आंकड़ा और बढ़ने के आसार हैं।

इस बीच शुक्रवार को हल्द्वानी में स्थाई प्रमाणपत्रों के सत्यापन अभियान के दौरान एक आवेदन में अंजुमन मोमिन अंसार, आज़ाद नगर, नैनीताल द्वारा जारी कथित “ प्रमाणपत्र” प्रस्तुत किया गया पाया गया।

साहूकारा लाइन में दुकान चलाने वाले रईस अहमद अंसारी से पूछताछ करते सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम।

सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम और तहसीलदार की संयुक्त टीम ने इस सोसाइटी के पते का सत्यापन किया। सोसाइटी अपने पंजीकृत पते पर मौजूद नहीं पाई गई। स्थानीय जांच में यह तथ्य सामने आया कि रईस अहमद अंसारी, जो साहूकारा लाइन में दुकान चलाते हैं, उक्त सोसाइटी के नाम पर अवैध रूप से प्रमाणपत्र जारी कर रहे हैं।

मौके पर पूछताछ में रईस अहमद अंसारी द्वारा स्वीकार किया गया कि वह वर्ष 2007 से ऐसे प्रमाणपत्र जारी कर रहा है।

रिकॉर्ड सत्यापन में पाया गया कि यह सोसाइटी वर्ष 2007 से नवीनीकृत नहीं हुई है। सोसाइटी के अध्यक्ष एवं महासचिव का निधन हो चुका है तथा सोसाइटी पूर्णतः निष्क्रिय/अवैध स्थिति में है। इसके बावजूद एक अनधिकृत व्यक्ति द्वारा सोसाइटी का संचालन कर अवैध प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे थे।

ऐसे प्रमाणपत्रों का उपयोग कई व्यक्तियों द्वारा जाति, जन्म एवं निवास प्रमाण के रूप में किया जा रहा था, जबकि सोसाइटी को ऐसे किसी प्रमाणपत्र जारी करने का कानूनी अधिकार नहीं है।

एसडीएम ने तहसीलदार को निर्देशित किय कि ऐसे प्रमाणपत्रों के आधार पर जारी सभी जाति प्रमाणपत्रों की जांच तत्काल की जाए। टीम द्वारा संबंधित सभी दस्तावेज सीज़ कर लिए गए हैं।

एसडीएम ने अवैध प्रमाणपत्र जारी करने में संलिप्त व्यक्ति के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जारी किए हैं।

सोसाइटी से संबंधित सभी विवरणों एवं गतिविधियों की जांच प्रचलित है। उक्त अवैध संस्था द्वारा जाति प्रमाण एवं स्थाई प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु जारी किए जा रहे हैं , प्रमाण पत्र रसीद में अंकित फोन नंबर पर बात करने पर उनके द्वारा प्रमाण पत्र प्राप्त होना बताया गया ।

ऐसे सभी प्रमाणपत्रों को चिन्हित किया जा रहा है एवं प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज किए जाने की कार्यवाही भी की जा रही है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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