हल्द्वानी में टूटी नींद हुआ एक्शन: मेरी बहन बहन और दूसरे की बहन बेटी #@#@… सोच वालों की हवा टाइट

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। यह खबर हर उस माता पिता से जुड़ी है जो शान से कहते फिरते हैं कि वो लाडले के माता पिता हैं। अब आप कहेंगे अपने जिगर के टुकड़े पर नाज करना लोकतंत्र में कबसे गुनाह हो गया जो आप ऐसा कह रहे हैं?

हल्द्वानी की हर सड़क पर सार्वजनिक स्थानों में नशा करना, बिना कारण रात्रि में सड़को में घूमना और मोटरसाइकिल में सवार होकर खुद को किसी रियासत का बादशाह समझने वाले 58 खानाखराब गिरफ्त में आए हैं। जाहिर तौर पर ये सभी किसी न किसी के लाडले होंगे ही।

हालाकि रुटीन चालानी कार्रवाई करने और नैतिकता का पाठ पढ़ाकर पुलिस ने सभी को सकुशल घर को विदा कर दिया। लेकिन सच ये है कि जिनकी परवरिश में मां बाप ने खाने पीने के पौष्टिक सामान के साथ साथ संस्कार, मां बहन का सम्मान और समाज हित की घुट्टी न पिलाई हो, वो क्या खाक पुलिस के चालान से डिगेंगे।

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वैसे भी हमारी मित्र पुलिस ने कौन सा उनके नाम सार्वजनिक किए हैं और कौन सा ही उनकी तस्वीर जारी की है। इन खानाखराब टाइप के 58 मानुषों की जो तस्वीर पुलिस ने जारी भी की है, उनमें इनके चेहरे ब्लर यानि धुंधले किए गए हैं यानी आप कभी भी उन्हें पहचान ही नहीं पाएंगे कि वो कौन समाज में छोड़े संस्कारों की पालना से दूर कपूत हैं जिनका काम दूसरों की बहन बेटियों को छेड़ना, गंदे गंदे कॉमेंट करना और बेटियों को मानसिक आघात देना है।

पुलिस गिरफ्त में मुंह छुपाए हल्द्वानी के लाडले कपूत।

हालाकि कुछ दिन पहले हल्द्वानी पहुंचे डीजीपी अभिनव कुमार का वह बयान भी हल्द्वानी समेत प्रदेश की जनता को खूब भाया था जिसमें उन्होंने कहा था कि नशे का कारोबार पुलिस की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। आम जनता को पहली बार ऐसा लगा था कि आज उनके मन की बात अखबारों की हेडिंग बनी है क्योंकि ऐसा कोई कैसे बोल सकता है वो भी पुलिस के खिलाफ…

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अब आप कहेंगे अपनी बहन को बहन और दूसरे की बहन बेटी को हवस और शैतानी नजर से देखने वालों पर अचानक पुलिस और प्रशासन की नींद कैसे टूटी। सिर्फ औलाद पैदा करने पर जोर देने और संस्कार देने से कोसों दूर रहने वाले मां बाप के लाडले कपूत तो ये काम हर रोज ही हल्द्वानी की सड़कों पर करते हैं। तो फिर आज 58 कपूतों को पकड़कर ढोल क्यों पीटा जा रहा है।

तो आपको बता दें ये ढोल हम नहीं पीट रहे हैं। यह ढोल खुद हल्द्वानी की पुलिस और प्रशासन पीट रहा है। दरअसल एक तरफ मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखंड के सभी जिलों के डीएम को नैनीताल मॉडल पर संवेदीकरण कार्यशाला एवं असुरक्षित स्थानों के चिन्हीकरण के संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के अंतर्गत नैनीताल (हल्द्वानी) के मॉडल का अब प्रदेश की सभी जनपदों में अनुसरण किया जाएगा।

मुख्य सचिव ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को नैनीताल मॉडल पर अपने-अपने जिलों में संवेदीकरण कार्यशाला एवं असुरक्षित स्थानों के चिन्हीकरण के संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

ऐसे में पुलिस को भी उन तमाम जगहों पर एक्शन लेने को बाध्य होना पड़ा है जो जगहें पहले से पुलिस की नजर और उनके मुखबिर तंत्र की नजर में थीं। यानी हल्द्वानी की 40 से अधिक स्कूल की छात्राओं ने सड़क पर आते जाते, स्कूल के बाहर और बाकी जगहों पर खानाखराब टाइप के लोगों की जो जो करतूत बेपर्दा की, वो सब मित्रता, सेवा और सुरक्षा का दम भरने वाली पुलिस पहले से ही जानती थी।

लेकिन भाई ये तो लोकतंत्र की पुलिस है। बिना शिकायत यानि तहरीर के कार्रवाई करना तो उसकी डिक्शनरी में है नहीं। जब तक पीड़ित को चप्पलें न घिसें तब तक एफआईआर लिखने का आनंद कोई थाना चौकी प्रभारियों से पूछे।

इसलिए हर बार सड़क पर बेटियों की सुरक्षा के इस संवेदनशील विषय को नजरअंदाज कर दिया गया। आखिरकार कोलकाता में डॉक्टर बिटिया के साथ हुई दरिंदगी सामने आने के बाद जब उत्तराखंड का शासन गंभीर हुआ तो हल्द्वानी (नैनीताल) पुलिस को भी सक्रिय होना ही पड़ा।

बीते दिनों एसएसपी नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा ने भी महिला सुरक्षा को लेकर फेसबुक लाइव किया। इस दौरान महिलाओं ने शिकायत की थी कि शाम और रात के समय कई खानाखराब टाइप के लोग शराब पीकर हल्द्वानी की सड़कों पर घूमते हैं, ऐसे में महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं।

हालाकि गौर करने वाली बात यह है कि फेसबुक पर पुलिस को आईना दिखाने वाली कई पोस्ट को अक्सर नजरअंदाज करने वाली नैनीताल पुलिस ने इस बार अपने खुद के पेज यानी नैनीताल पुलिस के फेसबुक पेज पर सीधे एसएसपी को की गई महिलाओं की शिकायतों को गंभीरता से लिया।

एसएसपी पीएन मीणा के निर्देश पर पुलिस टीम गठित कर देर सायं चेकिंग अभियान चलाने और सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीकर, अकारण सड़कों पर घूमने वाले व बिना कारण बाइक से हुड़दंग करने वालों के खिलाफ एक्शन के निर्देश दे दिए।

जब पुलिस किसी काम से सड़क पर निकले और वो काम न हो, ऐसा कैसा हो सकता है। 16 अक्टूबर को पुलिस और प्रशासन की टीम ने रात आठ बजे से 11 बजे तक हल्द्वानी की सड़क किनारे शराब पीने, अकारण सड़कों पर घूमने वाले, दोपहिया वाहन से हो हल्ला और हुड़दंग करने वाले 58 खानाखराब टाइप के लोगों को गिरफ्तार किया।

सभी को पकड़कर खालसा इंटर कॉलेज लाया गया, जहां मेडिकल करने के बाद 81 पुलिस एक्ट के तहत चालान की कार्रवाई की गई और भविष्य में ऐसा कृत्य न करने की हिदायत देकर काउंसलिंग के बाद परिजनों के हवाले किया गया, मानो ये 58 खानाखराब कोई दूध पीते बच्चे हों।

जब परिजन पुलिस के कॉल पर दौड़े दौड़े खालसा इंटर कॉलेज पहुंचे और मन ही मन बोले होंगे – आज तक इस खानाखराब लाडले ने घर परिवार और रिश्तेदारों में ही बेइज्जती करवाई थी, आज पुलिस के सामने भी शर्मिंदा कर दिया।

ऐसे मां बाप से हम इतना ही कहेंगे कि पुलिस के सामने बेइज्जत होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। फर्क पड़ता है तो उस परमात्मा के सामने जिसने आपको इंसान बनाकर इस दुनिया में भेजा। ये सोचकर भेजा आप कम से कम इंसानियत को तो जिंदा रखेंगे ही।

काश! समय रहते आपने अपने कुल के चिराग लाडले के पैदा होने के बाद अपनी परवरिश में उसे बेटियों का सम्मान करना भी सिखाया होता और अपने जिगर के टुकड़ों को ये बताया होता कि जैसी तुम्हारी बहन और मां है वैसे ही दूसरे की मां बहन है, उसका भी बराबर सम्मान और आदर करना तो आज ये नौबत नहीं आती।

जब तक खुद की बहन को बहन और दूसरे की बहन माल समझने वाली सोच आपके कपूतों के दिमाग में रहेगी, तय मानिए ये आपको शर्मसार होने का अवसर आखिरी सांस तक देते रहेंगे….शेष फिर कभी

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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