दून की बेटी को गुमराह कर दरिंदगी करने वाले शैतान अब्दुल को 20 साल की जेल

Ad
खबर शेयर करें -

देहरादून, प्रेस 15 न्यूज। बेटियां हर घर की जान होती हैं। यूं कहें खुशियों का दूसरा नाम होती हैं। जब भी घर में बेटी का जन्म होता है तो मां बाप की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता। लेकिन बेटी के जन्म के साथ ही उसकी सुरक्षा की चिंता भी सताने लगती है।

वजह बेटियों के साथ समाज में बढ़ रही आपराधिक घटनाएं हैं। आएदिन बेटियां अपराध का शिकार बन रही हैं। देशभर के साथ साथ देवभूमि उत्तराखंड में भी हर दिन बेटियां आसुरी प्रवृत्ति के शैतानों से दर्द पा रही हैं। ऐसे में बेटियों और उनके परिवार के लोगों का अपार दर्द है जिसे वही समझ सकता है जो इस दर्द से गुजरा हो।

लेकिन समाज का एक सच ये भी कि आज परवरिश और संस्कारों के अभाव में बच्चे भटक रहे हैं। बेटा हो या बेटी, अधिकतर मां बाप का ध्यान सिर्फ बच्चे पैदा करने और पैसे कमाने में है। ऐसे में अधिकतर बच्चे नशे की गिरफ्त में हैं तो कई अपने जीवन लक्ष्य से भटककर जिंदगी तबाह कर रहे हैं। वहीं कई बेटे और बेटियां खुद ब खुद शैतानों के बिछाए जाल में फंस रहे हैं।

सात साल बाद देहरादून की एक नाबालिग बेटी के साथ दरिंदगी करने वाले शैतान के खिलाफ कार्रवाई हुई है।

नाबालिग बेटी से दुष्कर्म के दोषी को न्यायालय विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अर्चना सागर की पीठ ने 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर 10 हजार ₹ का अर्थदंड भी लगाया है। पैसे जमा नहीं करने पर एक महीने का अतिरिक्त कारावास काटना होगा।

30 नवंबर 2019 को 16 वर्षीय नाबालिग स्कूल के लिए निकली थी, लेकिन वह वापस नहीं लौटी। परिजनाें के काफी खोजबीन के बाद भी उसका पता नहीं चला। वह घर से 1.85 लाख ₹ लेकर गई थी। पीड़िता के पिता ने पटेलनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने अब्दुल उर्फ अब्दुल्ला निवासी बिजनौर यूपी को नामजद किया गया था। पुलिस ने 14 दिसबंर 2019 को आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

इस मामले में 17 फरवरी 2020 को आरोपपत्र दाखिल किया था। करीब सात महीने जेल में रहने के बाद आरोपी को 21 जुलाई को जमानत पर छोड़ा गया था। इस मामले में करीब पांच वर्ष तक चली सुनवाई के बाद 19 मई को न्यायालय ने फैसला सुनाया।

इसके अगले ही दिन दोषी को दो अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई गई। इसमें बीएनएस की धारा 363 के तहत तीन वर्ष की जेल और दस हजार का अर्थदंड, जबकि बीएनएस की धारा छह के तहत 20 वर्ष का कठोर कारावास और दस हजार अर्थदंड लगाया है।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
Ad Ad Ad Ad

संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

सम्बंधित खबरें