Haldwani Banbhulpura violence, SP leader Haji Abdul Matin Siddiqui: आठ फरवरी की शाम हल्द्वानी की शांत फिजा में जहर घोलने वालों की करतूत से शहरवासी उभरे नहीं हैं। 11 दिन बीतने के बाद भी हर किसी की जुबान पर दंगाइयों की ही चर्चा है। शहर के माथे पर कलंक लगाने वाली इस हिंसक वारदात में अपने भाई जावेद सिद्दीकी की गिरफ्तारी के बाद समाजवादी पार्टी के उत्तराखंड प्रभारी हाजी अब्दुल मतीन सिद्दीकी का बयान सामने आया है।
सिद्दीकी ने कहा है कि जब पुलिस जावेद की गिरफ्तारी के लिए आई थी तब उसने फोन पर मुझसे रो रोकर अपने बच्चों और मेरी कसमें खाकर कहा था कि मैं तो लोगों को पत्थरबाजी व हुड़दंग से रोक रहा था, फिर पुलिस मुझे ही क्यों पकड़ने आई है। अब्दुल मतीन सिद्दीकी ने कहा कि मुझे यकीन है कि जावेद कम से कम मेरी झूठी कसम नहीं खा सकता क्योंकि मैंने अपने बहन भाइयों को अपनी औलाद से बढ़कर पाला है। जब मेरे पिता का इंतेकाल हुआ था तब जावेद की उम्र महज ढाई साल थी और सबसे सबसे बड़ी बात यह है कि 15 फरवरी को मेरे छोटे बेटे की शादी थी और 17 फरवरी को हल्द्वानी विंटेज ग्रीन में रिसेप्शन था जो इस प्रकरण के चलते स्थगित करना पड़ा।
अब्दुल मतीन सिद्दीकी ने कहा कि हम अब्दुल मलिक के मददगार तो कभी हो ही नहीं सकते क्योंकि वह, उसका भाई और भतीजा, तीनों मेरे छोटे भाई अब्दुल रऊफ सिद्दीकी के हत्यारे हैं। और उसका मुक़दमा अब भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहा है। उन्होंने आठ फरवरी को मलिक के बगीचे में हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मामले की जांच सीबीआई या हाईकोर्ट के सीटिंग जज से कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने जिला व स्थानीय प्रशासन से इस कांड की दोबारा बारीकी से जांच कराने की मांग की है। जिससे किसी निर्दोष को सजा के साथ-साथ शर्मिंदगी ना उठानी पड़े। कहा कि पूरा शहर मेरे बच्चों व मेरे परिवार को भली भांति जानता है। हमने अपने बच्चों व परिवार को ऐसे संस्कार कभी नहीं दिए। हम लोगों ने हमेशा हर जगह आपसी भाईचारा बढ़ाने और प्यार मोहब्बत से रहने का पैगाम ही दिया है। लेकिन आठ फरवरी की घटना की हमने कभी सपने में भी कल्पना नहीं की थी। उन्होंने राज्य सरकार से मृतक के परिवारों और घायलों को उचित मुआवज़ा देने की अपील करते हुए जनता से भाईचारा बनाए रखने और अफवाहों से सावधान रहने की अपील की है।