उत्तराखंड के लिए गर्व की बात, COKE स्टूडियो भारत सीजन-2 में गूजेंगे पहाड़ी गीत, पहाड़ के दो गायकों को मिला मौका

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Uttarakhand: matter of pride: COKE Studio Bharat Season 2: Pahari Geet: Folk singer Kamala Devi: Singer-composer Digvijay Singh Pariyarः देवभूमि उत्तराखंड के पास यूं तो गर्व करने की अनगिनत वजहें हैं लेकिन आज जो खबर हम आपको बता रहे हैं यकीनन उसे पढ़कर आपको भी अपनी लोक संस्कृति और गीत संगीत पर गर्व होगा। दरअसल उत्तराखंड की धरती से जुड़े दो गायक जल्द ही देश-दुनिया को कोक स्टूडियो भारत सीजन-2 में अपने सुरों का जादू बिखेरते दिखाई देंगे। हम बात कर रहे हैं कुमाऊंनी लोक गायिका कमला देवी और संगीतकार, गायक दिग्विजय सिंह परियार की।

 

बात अगर कमला देवी की करें तो वह मूलरुप से बागेश्वर के गरूड़ तहसील के लखनी गांव की रहने वाली हैं। कमला देवी को जागर गायन, हुड़किया बौल, शकुनाखर, न्योली, छपेली, भगनौल और जागर गायन में तो महारथ हासिल है ही, वहीं राजुला मालूशाही की प्रणय लोकगाथा जब उनके कंठ से निकलती है तो हर कोई खो सा जाता है। 15 साल की उम्र में उन्होंने आसपास के गांवों में सार्वजनिक रूप से झोड़ा और चांचरी गाना शुरू कर किया। छह बहनों और तीन भाइयों में एक वही थीं जिन्होंने संगीतज्ञ पिता की गायकी को आगे बढ़ाया।

कमला देवी के पहाड़ की विषम परिस्थितियों के बीच संगीत के क्षेत्र में आने की कहानी भी दिलचस्प है। दरअसल हुआ यूं कि एक वक्त में घर चलाने के लिए कमला देवी भवाली में एक छोटे से ढाबे का संचालन करती थीं। एक दिन भिकियासैण निवासी जाने माने गायक शिरोमणि पंत वहां पहुंचे। इस दौरान कमला देवी काम करते करते चांचरी धार मा मीठ काफला, काफला तू पाकला कब गुनगुना रहीं थीं। हैरान होकर शिरोमणि पंत ने पूछा कि क्या तुमने कभी ड्रामा डिविजन, दूरदर्शन या किसी और मंच के लिए गाया है? तब कमला देवी ने बताया कि उन्हें मंच देने वाला आज तक कोई नहीं मिला। जिसके बाद शिरोमणि पंत की हौसलाअफजाई से कमला देवी ने शरदोत्सव नैनीताल में अपनी पहली प्रस्तुति दी। उसके बाद कमला देवी के सुरों का सिलसिला आज दिन तक थमा नहीं। वे महिंद्रा फाइनेंस के शो ‘भारत की खोज’ की विजेता भी बनीं। उत्तराखंड के अलावा दिल्ली, लखनऊ, हैदराबाद, मुंबई जैसे शहरों में 300 से अधिक शो कर चुकी कमला देवी अपनी सफलता का श्रेय शिरोमणि पंत को देती हैं।

वहीं, मूल रुप से नैनीताल के ओखलकांडा ब्लॉक निवासी दिग्विजय सिंह परियार का परिवार वर्तमान में गाजियाबाद में रहता है। मां की हौसलाअफजाई से दिग्विजय महज तीन साल की उम्र से ही शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण लिया और आज बॉलीवुड में अपना मुकाम बनाने के सफर पर हैं। दिग्विजय फिर भी दिल है हिंदुस्तानी, कट्टी बट्टी, स्पॉटलेस, वेडिंग पुलाव, रॉक ऑन टू में गायक, संगीतकार के तौर पर अपने हुनर का जलव बिखेर चुके हैं। हिंदी संगीत इंडस्ट्री में रहते हुए दिग्विजय परियार कुमाऊंनी लोक संस्कृति और गीतों से जुड़े रहते हैं। उनका गीत आज का दिना तू होली घरफना…खूब वायरल हुआ था। ऐसे में पहाड़ का यह युवा गायक और संगीतकार बेटा भी कोक स्टूडियो भारत सीजन-2 में अपनी संगीत साधना का जलवा बिखेरने को तैयार है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं