Crime News Uttarakhand: हरिद्वार, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड में कानून व्यवस्था के गजब दौर चल रहा है। यहां ईमानदार के मन में पुलिस का खौफ है और अपराधी मौज काट रहे हैं।
हरिद्वार पुलिस ने नकली नोट छापने के गिरोह का पर्दाफाश किया है। आप जानकर हैरान रह जाएंगे इस गिरोह में पांचवी पास, आठवीं फेल और 12वीं पास संचालित कर रहे थे। नकली नोट छापने की ट्रेनिंग इन छह शातिरों ने यूट्यूब से वीडियो देखकर ली थी।
आरोपी देहरादून के सुद्धोवाला में किराये के कमरे में नकली नोट छापने का धंधा चला रहे थे।
हरिद्वार पुलिस ने नकली नोट छापकर बाजार में चलाने वाले गिरोह का खुलासा कर दो सगे भाइयों समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके कब्जे से 2.25 लाख के 500 के नकली नोट भी बरामद हुए हैं।
इसके साथ ही दो लैपटॉप, दो प्रिंटर, दो बाइक, पांच मोबाइल बरामद हुए हैं।
बृहस्पतिवार को एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने मीडिया को बताया कि बुधवार सुबह सुमननगर पुलिया दो बाइकों पर चार संदिग्धों की तलाशी ली। उनके कब्जे से 500 के कई नकली नोट बरामद हुए।
आरोपियों की पहचान सौरभ निवासी देवबंद, सहारनपुर, निखिल निवासी सरसावा, सहारनपुर, अनंतबीर निवासी छावनी हापुड़, नीरज निवासी देवबंद, सहारनपुर के रूप में हुई।
इसके बाद एएसपी जितेंद्र मेहरा की अगुवाई में पुलिस टीम ने देहरादून में मोहित निवासी सरसावा, सहारनपुर को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 500 के नकली नोट, एक लैपटॉप, प्रिंटर, दो ब्लेड कटर, नोट छापने के उपकरण बरामद किए। दून एन्क्लेव, पटेलनगर से विशाल निवासी देवबंद सहारनपुर को गिरफ्तार कर बड़ी संख्या में 500 के नकली नोट बरामद किए।
एसएसपी ने बताया कि आरोपी नकली नोटों को देहरादून और हरिद्वार के बाजारों में चलाते थे। उनका निशाना बुजुर्ग दुकानदार रहते थे। उनसे छोटी-मोटी खरीदारी कर 500 नकली नोट चलाकर शेष रकम लेकर रफूचक्कर हो जाते थे।
आरोपी मोहित और निखिल कुमार पहले भी नकली नोट छापकर बाजार में चलाने के मामले में हिमाचल प्रदेश के थाना नहान से जेल जा चुके हैं। मोहित दुष्कर्म के मामले में भी थाना विकासनगर देहरादून से जेल भेजा गया था।
सौरभ पांचवीं पास है। आठवीं फेल विशाल और पांचवीं पास नीरज दोनों सगे भाई हैं। दोनों पांचवीं पास सौरभ के दोस्त हैं। दोनों चंद्रबानी देहरादून में किराये का कमरा लेकर जाली नोट बनाने का काम करते थे।
सौरभ पिछले 20 दिन से विशाल के साथ उनके कमरे पर रह रहा था। विशाल के माध्यम से ही मोहित से उसकी दोस्ती हुई। मोहित भी देहरादून में किराये के कमरे में रहकर नकली नोट छापता था। लालच में सौरभ भी इनके के साथ जुड़ गया। आरोपी निखिल 12वीं तक पढ़ा है।
आरोपी अनंतबीर 12वीं पास है। वह 2001 में बंगाल इंजीनियर सेंटर (आर्मी) में भर्ती हुआ था। 2004 में जब उसका एक्सीडेंट हुआ तो उसने नौकरी छोड़ दी। 2022 में जीआरपी थाना बिजनौर से वह लूट के मामले में जेल गया। फिर इसके बाद किसी के माध्यम से उसकी दोस्ती मोहित से हो गई और वह भी नकली नोट छापने के धंधे में शामिल हो गया।