धर्म कर्म: कुंडली में कमजोर चंद्रमा और शनि, राहु ,केतु से पीड़ितों के लिए मंगलकारी है 23 मई का दिन, करना होगा बस यह काम

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। वैशाख माह की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष 23 मई, गुरुवार को वैशाख पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग बनने से पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ गया है। बुद्ध पूर्णिमा उपवास और स्नान दानार्थ पूर्णिमा रहेगी।

धार्मिक मान्यतानुसार वैशाख माह की पूर्णिमा को महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था जो कि भगवान विष्णु के ही अवतार माने जाते हैं। बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध एवं भगवान विष्णु और चंद्र देव की पूजा-अर्चना का विधान है।

ज्योतिषाचार्य डॉ मंजू जोशी बताती हैं कि पूर्णिमा तिथि 22 मई 2024 सायंकाल 6:49 से प्रारंभ होकर 23 मई 2024 दिन गुरुवार सायंकाल 7:24 तक रहेगी। अभिजीत मुहूर्त प्रातः 11:50 से दोपहर 12:45 तक रहेगा।

बुद्ध वैशाख पूर्णिमा पर्व पर पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यतानुसार, पवित्र नदी के जल से स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति, समृद्धि बनी रहती है।

बुद्ध पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की भी विधि विधान के साथ पूजा की जाती है। इस दिन दान-पुण्य और धार्मिक कार्य करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है।

ज्योतिषाचार्य डॉ मंजू जोशी बताती हैं कि जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर है। शनि, राहु ,केतु से पीड़ित है। नीचस्थ है तथा 12 वर्ष से कम के जातक जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, जातक चंचल है…ऐसे बच्चों की माताओं को पूर्णिमा का उपवास अवश्य रखना चाहिए। पूर्णिमा उपवास प्रथम बार प्रारंभ करने के लिए वैशाख मास अति उत्तम फलदाई रहता है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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