
नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। नैनीताल में 24 घंटे के भीतर 174.00 मिलीमीटर बरसात होने से सामान्य स्थितियां भी असामान्य हो गयी। आम तौर पर बरसात 10-15 एमएम होती है और 50-60 ज्यादा मानी जाती है। नैनीझील से लगातार पानी निकासी की जा रही है।
नैनीताल में मानसून सीजन के दौरान काफी बरसात देखने को मिलती है। अधिकतर हल्की बरसात के बीच कभी कभी बड़ी बूंदों वाली तेज बरसात से फ़्लैश फ्लड की स्थिति बन जाती है। इसमें आसमान से पानी तेजी से गिरता है और ढलान में बहने लगता है।

लबालब नैनीझील का वीडियो👇👇
पानी को नियंत्रित करने के लिए जगह जगह नालियां/नाले बनाए गए हैं। ये फ़्लैश फ्लड नालियों से होते हुए सीधे नैनीझील में समा जाता है और झील का जलस्तर खतरे को छूने से पहले ही निकासी गेटों को खोलना पड़ता है। पहले शहर की सड़कें कच्ची हुआ करती थी या उनमें ईट बिछी थी, जिसमें पानी रीसकर भूमि के अंदर चला जाता था।
मान्यता के अनुसार ये पानीं धरती के अंदर होते हुए दो से तीन माह में नैनीझील को प्राकृतिक स्रोत के रूप में मिल जाता था। अब पानी फ़्लैश फ्लड के रूप में सीधे निकल जाता है। पेयजल की अधिक आपूर्ति, विंटर रेन का कम होना और झील में स्रोतों के बन्द होने के कारण मार्च से ही झील का जलस्तर कम होने लगता है।
बरसात को लेकर जनवरी से जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 1935 एमएम बरसात हो चुकी है। आज नैनीझील का जलस्तर 10 फीट और 2 इंच रखा गया है। झील को 12 फीट पर खतरा माना जाता है जब पानी ओवरफ्लो हो जाता है। झील की देखरेख करने वाला सिंचाई विभाग दस फीट पार होते ही निकासी गेट खोल देता है।
(नैनीताल से वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट ✍️)
