हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई। जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 55 नवजात भर्ती थे। 45 नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया। उनका इलाज चल रहा है। वही, जिन मां बाप ने अपने नौनिहालों को खोया है, उनका रो रोकर बुरा हाल है।
झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई व्यवस्थाओं की चूक की इस हृदयविदारक घटना ने देशभर में हलचल बढ़ा दी। नैनीताल जिले में भी डीएम वंदना ने मातहतों को जमीन पर उतरने के आदेश दिए। और जिले के हर सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में निरीक्षण करने और आग से निपटने के इंतजामों को देखने को कहा।
आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि हल्द्वानी समेत जिले भर के अस्पतालों में कई खामियां मिली। साफ है यहां अग्निशमन विभागों के जिम्मेदारों की पोल तो खुली ही साथ में मरीज का घर बेचने तक की नौबत लाने वाले अस्पतालों की करतूत भी बेनकाब हुई। जिसके बाद सबको नोटिस थमाने की कार्यवाही की गई है।
जिलाधिकारी वंदना सिंह के निर्देश पर रविवार को प्रशासन, अग्निशमन और स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी और निजी अस्पतालों का औचक निरीक्षण करते हुए फायर सेफ्टी मानकों की बारीकी से जांच की। जिसमें सरकारी व निजी अस्पतालों में फायर सुरक्षा और उसके मानकों की दृष्टि से कई प्रकार की कमियां पाई गई।
प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि चैकिंग अभियान का क्रम सरकारी, निजी अस्पताल, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटर में आगे भी जारी रहेगा।
अग्निशमन अधिकारी गौरव किरार और नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कांडपाल ने शहर के सरकारी अस्पताल सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल, महिला अस्पताल, सुशीला तिवारी अस्पताल, संजीवनी अस्पताल, साईं अस्पताल, तिवारी मैटरनिटी अस्पताल, नीलकंठ अस्पताल का निरीक्षण किया।
महिला अस्पताल का निरीक्षण करते हुए टीम ने आठ कमियां पाई जिसमें स्मोक डिटेक्टर, स्प्रिंकल सिस्टम, होजिंग पाइप, कर्मचारियों को उपकरण चलाने का प्रशिक्षण ना हो पाना, इमरजेंसी डोर बंद पाए जाना जैसी कई कमियां मिलीं।
इसके अलावा बेस अस्पताल में फायर एक्सटिंग्विशर, हाउसिंग पाइप, स्प्रिंकल सिस्टम एवं फायर हाइड्रेंट सुचारू पाए गए। इसके अलावा टीम को सुशीला तिवारी अस्पताल में चतुर्थ तल से छठे तल तक रैंप की व्यवस्था नहीं पाई गई तथा अस्पताल परिसर में स्प्रिंकल सिस्टम नहीं पाए गए।
इसके अलावा मुखानी चौराहे के पास तिवारी मेटरनिटी हॉस्पिटल में जब टीम ने निरीक्षण किया तो अस्पताल परिसर में फायर अलार्म एवं स्प्रिंकल सिस्टम नहीं पाए गए। इसके अलावा हायर ऑडिट के समय अस्पताल गेट के बाहर की ओर खुल रहे हैं जो कि अग्निशमन सुरक्षा की दृष्टि से समस्त गेटों को अंदर की ओर खुलना चाहिए।
साथ ही साईं अस्पताल में अलार्म पैनल कार्यशील दशा में नहीं पाए गए और स्प्रिंकल सिस्टम भी ठीक नहीं पाए गए। इसी प्रकार संजीवनी अस्पताल में रैंप सही नहीं पाया गया और अस्पताल परिसर में फायर हाइड्रेंट का मार्ग बाधित पाया गया जिससे कि दुर्घटना के समय फायर हाइड्रेंट से पानी आसानी से नहीं लिया जा सकता है।
इसी प्रकार अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों को प्राथमिक अग्निशमन उपकरण चलाने का ज्ञान नहीं पाया गया। और अस्पताल में अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र का नवीनीकरण नहीं पाया गया।
ठीक इसी प्रकार, नीलकंठ अस्पताल में द्वितीय तल एवं तृतीय तल में स्प्रिंकल सिस्टम नहीं पाए गए। साथ ही रैंप की व्यवस्था नहीं मिली।
अब सभी अस्पतालों को अग्निशमन विभाग और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नोटिस जारी करने की तैयारी है। यदि निश्चित समय में फायर सुरक्षा के उपकरण व प्रशिक्षण प्राप्त कर्मचारी नहीं पाए गए तो वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी, ऐसा प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से कहा गया है।
एसडीएम कैंचीधाम विपिन पंत को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गरमपानी (खैरना) में सभी इंतजाम सही मिले।
जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सुयालबाड़ी) में चार स्थानों पर एक्सपायरी डेट के फायर सिलिंडर लगे मिले। जिनकी समाप्ति तिथि जुलाई 2024 मिली जो वर्तमान में अमान्य है तथा फायर अलार्म सिस्टम होना नहीं पाया गया।
प्रभारी चिकित्साधिकारी को फायर सिलेंडरों का नवीनीकरण एवं रिफिलिंग कराने तथा फायर अलार्म सिस्टम लगाने हेतु निर्देशित किया गया। ऑक्सीजन पाइप से ऑक्सीजन लीकेज होना पाई गई, हालाकि ऑक्सीजन पाइप से वर्तमान समय ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं की जा रही है। प्रभारी चिकित्साधिकारी को उक्त सम्बन्ध में व्यवस्था बनाने हेतु निर्देशित किया गया।
नैनीताल में संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल ने बीडी पाण्डे अस्पताल में अग्निशमन उपकरणों का निरीक्षण किया। उन्हें अस्पताल में कुल 32 अग्निशमन उपकरण सुचारू मिले।
अस्पताल में दृढ़ अग्निशमन पाइपलाइन के दो उपकरणों में से एक उपकरण ख़राब पाया गया तथा फायर सेफ्टी बकेट ख़ाली पाए गए जिसके संबंध में मौक़े पर अस्पताल प्रबंधन को तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। इसके अतिरिक्त आपातकालीन स्थिति में निकासी रास्तों को चौड़ा और सुलभ करने के निर्देश पर दिए गए।
रामनगर एसडीएम राहुल शाह, रामनगर परगना के अग्नि सुरक्षा अधिकारी और तहसीलदार की टीम ने राम दत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय, संजीवनी अस्पताल, बृजेश अस्पताल, बाबा नीम करौली अस्पताल (पीरुमदारा), और सिंघल नर्सिंग होम का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि संजीवनी अस्पताल, सिंघल नर्सिंग होम और बाबा नीम करौली अस्पताल में आवश्यक अग्नि सुरक्षा उपाय जैसे स्पष्ट फायर एग्जिट साइन और प्रत्येक मंजिल पर पानी के हाइड्रेंट होना नहीं पाया गया।
जिसके बाद एसडीएम राहुल शाह ने अग्नि सुरक्षा अधिकारी को इन संस्थानों को नोटिस जारी करने और एक सप्ताह के भीतर सभी आवश्यक अग्नि सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
इसके अतिरिक्त, राम दत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय में सभी वार्डों में एक व्यापक अग्नि अलार्म सिस्टम की कमी पाई गई। एसडीएम राहुल शाह ने अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिया है कि सभी वार्डों में फायर अलार्म सिस्टम स्थापित किया जाए ताकि संभावित अग्नि आपात स्थितियों का समय पर पता लगाया जा सके।