हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। कहने को तो हम देवभूमि उत्तराखंड में रहते हैं लेकिन इस देवभूमि को राक्षस भूमि बनाने वालों की भी कोई कमी नहीं है। हल्द्वानी के बाजार में जिस तरह फल, सब्जी, राशन, कपड़े के साथ दूसरा सामान बिक रहा है, ठीक वैसे ही जिस्म भी बिक रहा है।
इस काम में पुरुषों का साथ महिलाएं भी जोरशोर से दे रही हैं। मकसद जिस्म पाने की हवस और पैसा कमाना है।लड़कियां और महिलाएं देह व्यापार में लिप्त हैं। इनमें कुछ की मजबूरी है और कुछ पैसे कमाने के लिए जिस्मफरोशी के धंधे में उतर गईं।
दिक्कत यह है कि देश में फल, सब्जी, राशन, कपड़े के साथ साथ दूसरा सामान बेचना और खरीदना तो मान्य है लेकिन देह व्यापार मान्य नहीं है। अब हल्द्वानी कोई दिल्ली की जीबी रोड या कोलकाता का सोनागाछी,मुंबई का कमाठीपुरा, मेरठ का कबाड़ी बाजार, वाराणसी का शिवदासपुर, इलाहाबाद का मीरगंज, ग्वालियर का रेशमपुरा, पुणे का बुधवार पेठ, बिहार के मुजफ्फरपुर का चतुर्भुज स्थान और नागपुर की गंगा-जमुना मंडी तो है नहीं जहां बकायदा वेश्यावृत्ति से जुड़ी महिलाओं को लाइसेंस जारी हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि पुलिस सेक्स वर्कर्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकती और ना ही उनके काम में दखलंदाजी कर सकती है। इतना ही नहीं, कोर्ट ने सभी राज्यों की पुलिस को सेक्स वर्कस और उनके बच्चों के साथ समान व्यवहार करने के साथ ही उनके अधिकारों की रक्षा के लिए गाइडलाइन भी जारी की है।
भारत में कानून के मुताबिक, वेश्यावृत्ति वास्तव में अवैध नहीं है, लेकिन कुछ मामलों में इसे दंडनीय बताया गया है।
लेकिन हल्द्वानी में अगर आप किसी घर में देह व्यापार करते पकड़े गए तो आपको कुछ समय या घंटों के लिए जेल जाना होगा। बाद में आप आसानी से जमानत में छूट जाएंगे।
बात अगर नैनीताल पुलिस की करें तो कुछ साल पहले तक पुलिस देह व्यापार में पकड़े गए लोगों की पहचान उजागर नहीं करती थी। लेकिन अब पुलिस देह व्यापार में शामिल महिलाओं और पुरुषों के नाम उजागर करने में गुरेज नहीं कर रही है।
हल्द्वानी की ही बात करें तो एक सच्चाई यह है कि आज शहर में तेजी से स्पा सेंटर, मसाज केंद्र और होटल की आड़ में तेजी से देह व्यापार का धंधा फलफूल है। एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल को भी एक एक ठिकाने की भनक है। लेकिन कार्रवाई के नाम पर साल में एक दो बार कुछ लोगों को पकड़ कर ऐसा दिखाया जाता है मानो पुलिस ने आसमान से तारे तोड़ दिए।
विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि हल्द्वानी के अधिकतर स्पा और मसाज सेंटर्स के अलावा कई होटलों में देह व्यापार साल भर नॉन स्टॉप चलता है। इतना ही नहीं कई इज्जतदार अधिकारी भी देह व्यापार गिरोह की सेवा लेते हैं लेकिन उनके खिलाफ एक्शन तो छोड़िए कोई बोलने तक को तैयार नहीं होता।
अब यह धंधा क्यों और कैसे चलता है, इसका जवाब कप्तान साहब को एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल के जिम्मेदारों से पूछना चाहिए।
हल्द्वानी ही क्यों नैनीताल, लालकुआं, रामनगर और आसपास के इलाकों में देह व्यापार का धंधा फलफूल रहा है।
आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि हल्द्वानी में देह व्यापार के धंधे में कुछ तथाकथित पत्रकार भी शामिल हैं। जो पुलिस और देह व्यापार वालों के बीच लाइजनिंग का काम करते हैं। ऐसे में आप पुलिस से साल में एक दो खुलासों से ज्यादा की उम्मीद भी क्या कर सकते हैं।
जिस तेजी से हल्द्वानी में चकाचौंध बढ़ रही है और पैसे वालों के साथ साथ रिश्तों से हताश लोगों का बोलबाला बढ़ रहा है, ये सच है कि नैतिक पतन के साजोसामान के इंतजाम भी बढ़े हैं।
शहर के होटल और स्पा सेंटर तो छोड़िए कई पॉश कॉलोनियों में भी जिस्मफरोशी का धंधा तेजी से पनप रहा है। लेकिन मुखबिर तंत्र वाली पुलिस और अपराधियों के बगल में खड़े होकर फोटो खींचाने वाले एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल के जिम्मेदारों को ये सब दिखाई नहीं देता।
दिखाई भी क्यों दे, कोई जवाबदेही भी तो नहीं है। सबको पता है हल्द्वानी में क्या और कैसे चल रहा है। हल्द्वानी ही क्यों मुक्तेश्वर, धारी, रामगढ़ में तेजी से पनप रहे होम स्टे और होटलों में क्या चल रहा है?
लेकिन चूंकि ये अपराध आम आदमी के हितों प्रभावित नहीं करता, इसलिए पुलिस के जिम्मेदार भी बेफिक्र रहते हैं। और सारा साल और ध्यान अपराधियों से निपटने, ट्रैफिक प्लान और वीवीआईपी ड्यूटी में ही निकल जाता है।
लेकिन सवाल यही है जब नैनीताल पुलिस ने अलग से एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल बनाया है तो वो क्या कर रहा है? आखिर क्यों देह व्यापार के मामलों में सलेक्टेड कार्रवाई की जाती है? इस बात का जवाब जिले के कप्तान साहब को जरूर अपने मातहतों से पूछना चाहिए।
अब एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल की नई उपलब्धि भी जान लीजिए। नैनीताल पुलिस के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने बीते रोज यानी 16 नवंबर को प्रगति मार्केट हीरानगर के एक आवासीय परिसर के दो मंजिले कमरे से 02 पुरूष और 03 महिलाओं को आपत्तिजनक हालत में पकड़ा है। हालाकि इस गिरफ्तारी की सूचना मीडिया को व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए 17 नवंबर को शाम करीब 3:54 बजे दी गई। अब एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल के जांबाजों ने ऐसा क्यों किया यह तो एसएसपी साहब ही जान सकते हैं।
खैर, इस संबंध में कोतवाली हल्द्वानी में एफआईआर संख्या 398/2024 धारा 3/4/5/6/7 अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम 1956 (सिट अधिनियम पुनर्निमित) का अभियोग पंजीकृत किया गया है। गिरफ्तार अभियुक्तों को माननीय न्यायालय में पेश गया है।
बहरहाल नैनीताल पुलिस की एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया है जिनके पास शहर के कई इज्जतदार जिस्म की भूख मिटाने आते थे।
ये हुए गिरफ्तार
(1) सुमन राजपूत w/o प्रेमपाल राजपूत निवासी आनन्दपुरी फेस 2 तल्ली बमौरी थाना मुखानी जनपद नैनीताल, हाल निवासी मोहम्मद आकिल (मकान मालिक) प्रगति मार्केट हीरानगर, हल्द्वानी, उम्र-50 वर्ष (सरगना)
(2) सीमा पत्नी सूरज निवासी संजय नगर, मल्ली बमौरी, थाना मुखानी जनपद- नैनीताल, उम्र- 47 वर्ष
(3) गीता शर्मा पत्नी गणेश दत्त शर्मा, नियर संतोषी माता मन्दिर, कार रोड बिन्दुखत्ता , लालकुआं जनपद नैनीताल उम्र 33 वर्ष
(4) देव सिंह पुत्र किशन सिह निवासी- निर्मल कॉलोनी, गोविन्दपुर गढ़वाल, आरटीओ रोड, थाना मुखानी जनपद नैनीताल उम्र-49 वर्ष
(5) मोहम्मद फिरास पुत्र मोहम्मद यूसूफ निवासी वार्ड नंबर 3 कालाढूंगी, जिला नैनीताल उम्र 34 वर्ष
पुलिस पूछताछ में पता चला कि सुमन इस रैकेट की मुख्य सरगना है तथा मोहम्मद फ़िरास ग्राहकों को लाने का काम करता था।
हालाकि मीडिया को जारी बयान में एसएसपी की तरफ से कहा गया है कि इस तरह की अवैध गतिविधियों को जड़ से खत्म करने के लिए अभियान जारी रहेगा। काश, कप्तान साहब की बात को एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल के जांबाज गंभीरता से लेते तो कम से कम देवभूमि को अय्याशी का ठिकाना मानने वालों की अक्ल भी कुछ हद तक ठिकाने लग जाती।